![]() |
Image By: Apna Zila |
अलीगढ़ में हाल ही में तेल और गैस की खोज को लेकर काफी हलचल मची हुई है। जिले के कई गांवों में अफवाहों के चलते ग्रामीणों में डर और असमंजस की स्थिति बन गई है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई।
तेल-गैस की खोज पर क्यों भड़के ग्रामीण?
अलीगढ़ के दादों क्षेत्र के समैना गांव में ऑयल इंडिया कंपनी द्वारा तेल और गैस की खोज के लिए बोरिंग शुरू की गई। इस प्रक्रिया के तहत उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन जैसे ही यह खबर फैली कि जमीन में तेल मिल गया है, ग्रामीणों ने काम रुकवाने के लिए हंगामा कर दिया। किसानों को डर था कि अगर यहां रिफाइनरी लगी तो उन्हें अपने घर और खेत छोड़कर जाना पड़ेगा।
इस अफवाह के चलते किसान राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कंपनी के कर्मचारियों को थाने ले गई, हालांकि बाद में जब कर्मचारियों ने जिलाधिकारी की अनुमति दिखाई, तो उन्हें छोड़ दिया गया।
प्रशासन और कंपनियों की सफाई
ओएनजीसी के निर्देशन में हैदराबाद की अल्फाजियो (इंडिया) लिमिटेड कंपनी को अलीगढ़ की पांच तहसीलों में तेल और गैस की खोज की जिम्मेदारी सौंपी गई है। टूडी सेसमिक सर्वे के जरिए इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, जिसमें 22 मीटर तक ड्रिलिंग कर जमीन के नीचे खनिज तत्वों की जांच की जाती है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस सर्वे को लेकर सभी आवश्यक स्वीकृतियां ली गई हैं। एडीएम मीनू राणा ने संबंधित एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि पेट्रोलियम अन्वेषण के लिए पूरा सहयोग दिया जाए।
ग्रामीणों को क्यों है रिफाइनरी का डर?
ग्रामीणों को इस बात का डर है कि अगर तेल या गैस के पर्याप्त भंडार मिलते हैं, तो उनके गांव में रिफाइनरी लग सकती है। इससे उन्हें अपने घर और खेती छोड़कर जाना पड़ सकता है। हालांकि, प्रशासन ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि फिलहाल केवल सर्वे किया जा रहा है और रिफाइनरी लगाने की कोई योजना नहीं है।
भविष्य की योजनाएं और संभावनाएं
2018 में भी अलीगढ़ के अतरौली क्षेत्र में ओएनजीसी ने सर्वे किया था, जिसमें तेल और गैस के प्राकृतिक स्रोतों के संकेत मिले थे। अब एक बार फिर इसी क्षेत्र में टूडी सेसमिक सर्वे किया जा रहा है।
अगर इस बार भी सकारात्मक संकेत मिलते हैं, तो यह अलीगढ़ के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो सकती है। इससे न केवल जिले को औद्योगिक विकास का मौका मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
क्या कहते हैं अधिकारी?
डीएम संजीव रंजन ने स्पष्ट किया है कि ग्रामीणों को डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्वे का काम पूरी तरह से स्वीकृत है और इससे किसी को नुकसान नहीं होगा।
अलीगढ़ में तेल और गैस की खोज को लेकर चल रही इस प्रक्रिया में जहां संभावनाएं हैं, वहीं अफवाहों के चलते ग्रामीणों में डर भी है। प्रशासन और कंपनियों को चाहिए कि वे ग्रामीणों को सही जानकारी दें, ताकि बेवजह की अफवाहों को रोका जा सके और विकास की इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।